कोरोनावायरस या COVID-19 अबतक 100 से ज्यादा देशों को अपनी जद में ले चुका है। भारत में भी इसके 69 मामले सामने आ चुके हैं वहीं एक संदिग्ध की मौत भी हो चुकी है। कोरोनावायरस को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने महामारी घोषित कर चुकी है। वहीं भारत सरकार ने भी कोरोनावायरस को लेकर नए निर्देश जारी कर दिए हैं। बुधवार को जारी आदेश के मुताबिक, 13 मार्च को शाम 5.30 बजे (12 जीएमटी) से अगले 35 दिन के लिए दुनिया के किसी भी व्यक्ति के वीजा रद्द कर दिए गए हैं हालांकि भारत में रह रहे सभी विदेशियों के वीजा वैध बने रहेंगे।
बीमा नियामक इरडा ने कुछ दिन पहले ही बीमा कंपनियों से ऐसी पॉलिसी तैयार करने को कहा था जिनमें कोरोना वायरस के इलाज का खर्च भी कवर हो लेकिन कहानी में ट्विस्ट यह है कि किसी भी बिमारी के महामारी घोषित होने के बाद कोई भी बीमा कंपनी बिमारी का कवर मुहैया नहीं कराती। ऐसे में आम आदमी के पास क्या विकल्प रह जाते हैं... यह जानने के लिए हमने हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों समेत बीमा नियामक से बात की.....
क्लेम देने से मना नहीं कर सकती बीमा कंपनी
नाम न छापने के शर्त पर एक सूत्र ने बताया कि 2012-13 या उससे पहले बनाई गई पॉलिसी में बेशक यह बात कही गई थी कि महामारी घोषित होने पर बीमा कंपनी बिमारी का क्लेम नहीं देगी लेकिन 2012 के बाद आए प्रोडक्ट (यानी पॉलिसी) में ऐसा कोई एक्सक्लूजन (यानी छूट) नहीं है कि जिससे बीमा कंपनियां क्लेम देने से मना कर सके। यानी किसी व्यक्ति को कोरोनावायरस हो जाता है तो बीमा कंपनियां उसे क्लेम देने से मना नहीं कर सकती।
पॉलिसी का 30 दिन का वेटिंग पीरियड निकलना जरूरी
वहीं एचडीएफसी एग्रो हेल्थ इंश्योरेंस के ब्रांच मैनेजर अतुल ने बताया कि कोई भी व्यक्ति जिसने किसी भी कंपनी का हेल्थ इंश्योरेंस ले रखा हो, वह कोरोना के इलाज का क्लेम लेने के लिए पात्रता रखता है लेकिन शर्त यह है कि पॉलिसी का 30 दिन का वेटिंग पीरियड खत्म हो गया हो और वह हॉस्पिटल में एडमिट होकर कोरोनावायरस का इलाज करा रहा हो।
उन्होंने आगे बताया कि, हेल्थ पॉलिसी में कंडिशन यह होती है कि उसमें पहले दिन से एक्सीडेंटल कवरेज और 30 दिन बाद से सभी बिमारियों का कवरेज मिलता है। चूंकि कोरोनावायरस एक वायरल इंफेक्शन है ऐसे में बीमाधारक को हर हाल में क्लेम मिलेगा। वहीं महामारी अगर ज्यादा फैल जाती है और हॉस्पिटल में जगह न होने के कारण डॉक्टर ये लिख कर दे दे कि इनके लिए बेड की व्यवस्था नहीं है ऐसी स्थिति में मरीज को घर पर इलाज की सुविधा भी मिलेगी।
नोट- हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का 30 दिन का वेटिंग पीरियड खत्म नहीं हुआ हो तो बीमाधारक क्लेम लेने के लिए पात्रता नहीं होगा