आज बड़ा दिन क्रिसमस के साथ दर्श अमावस्या भी है। इस दिन चांद पूरा दिखाई नहीं देता है। सुख-समृद्धि व परिवार के उद्धार की कामना के लिए यह दिन खास होता है। पितृ दोषों के निवारण के लिए भी यह अमावस्या शुभ मानी जाती है। दर्श अमावस्या को श्राद्ध अमावस्या भी कहते हैं। इस दिन पूर्वजों की पूजा भी अवश्य करनी चाहिए। इस दिन भगवान चंद्रदेव की पूजा करने से सारे कार्य सफल होते हैं। शास्त्रों में चंद्रदेव सबसे महत्वपूर्ण नवग्रहों में से एक माने गए हैं। शाम को चंद्रदेव का दशोपचार पूजन करें। गाय के घी का दीपक जलाएं, सफेद फूल, चंदन, चावल व इत्र चढ़ाएं, खीर का भोग लगाएं। पंचामृत से चंद्रमा को अर्घ्य दें व सफेद चंदन की माला से 108 बार “ॐ ऐं क्लीं सोमाय नमः' मंत्र का जप करें। पूजन के बाद भोग किसी स्त्री को भेंट करें। इस दिन मां लक्ष्मी व भगवान विष्णु की पूजा करने से विवाह बाधाएं समाप्त होती हैं और 100 बार हनुमान चालीसा का पाठ करने से जीवन में संकटों से मुक्ति मिलती है।
चंद्रदेव व पूर्वजों की पूजा करने से सफल होंगे कार्य, टलेंगे संकट